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सूचना का अधिकार

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 स्वतंत्र्योत्तर युग में भारत के लोकशासन में हुए सर्वोपरि लाभदायक व युगा्तरकारी प्रशासनिक सुधारों में से एक है |

‘सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का परिपालन’ नाम से केन्द्रीय सूचना आयोग (2008) की राष्ट्रीय उपसमिति की रिपोर्ट की अनुशंसा है कि, “सभी राज्य सरकारें लोगों को अपने सूचना के अधिकार के प्रति शिक्षित करने हेतु सभी प्रकार के जनसाधनों के मध्यम से एक व्यापक जन जागरूकता कार्यक्रम चलाएं | सहायक जन सूचना अधिकारीयों, जन सूचना अधिकारीयों और अपीलीय प्राधिकारी की एक निदेशिका भी निशुल्क उपलब्ध करवाई जानी चाहिए” |

तदनुसार जिला हमीरपुर के जिला और उप जिला स्तर के विभिन्न लोक प्राधिकारियों के लिए जनसूचना/सहायक जनसूचना अधिकारीयों और अपीलीय प्राधिकरण की निदेशिका तैयार की गई है | लोक प्राधिकरण में राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों के ही विभाग समाहित हैं | जन साधारण को इस अधिनियम के अंतर्गत जिला में सूचना का अधिकार के आवेदन और अपील दोनों के लिए विभिन्न लोक प्राधिकारियों को जानने, निर्धारित करने और उन तक पहुँचने में यह सूचना अवश्य ही लाभकारी होगी |

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