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जिला कार्यक्रम कार्यालय (स०बा०वि०यो०)

जिला स्तरीय यह कार्यालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के महिला एवं बाल विकास निदेशालय हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत महिलाओं के सशक्तिकरण एवं सम्पूर्ण बाल विकास का कार्य करता है | ज़िला स्तर पर इस कार्यालय के अंतर्गत निमान्न्लिखित कार्य किए जाते हैं:

सेवाओं के उद्धेष्य

  • बच्चे में उचित मनोवैज्ञानिक, शारीरिक तथा सामाजिक विकास की नींव रखना ।
  • छः वर्ष से कम आयु के बच्चों के पोषाहार और स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाना ।
  • मृत्यु दर, रूगणता, कुपोषण और स्कूल छोडने की प्रवृति में कमी लाना ।
  • बाल विकास को बढावा देने हेतू विभिन्न विभागों में नीति निर्धारण और कार्यक्रम लागू करने में प्रभावकारी तालमेल कायम करना ।
  • माताओं को इस काबिल बनाना कि वो अपने बच्चों की पोेषाहार व स्वास्थ्य सम्बंधी जरूरतों को स्वंय पूरा कर सकें ।

समेकित बाल विकास सेवाएँ

इसी योजना के अंतर्गत जिला हमीरपुर मे 1,344 आंगनवाडी केन्द्र व 7 मिनी आंगनवाडी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें 1,294 आंगनवाडी केन्द्र ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 50 आंगनवाडी केन्द्र शहरी क्षेत्रों में चलाये जा रहे हैं । आंगनवाडी केन्द्रों केे माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं ,धात्री माताओं एवं 11-18 वर्ष की बी०पी०एल० किशोरियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है ।

मुख्यमन्त्री कन्यादान योजना

उक्त अनुदान केवल बेेसहारा लड़कियों या जिनके पिता शारीरिक या मानसिक असमर्थता के कारण अपने परिवार की अजीविका कमाने में असमर्थ हों तथा नारी सेवा सदन की प्रवासिनियों या पति द्वारा त्यागी/तलाकशुदा महिलाएं जिनके संरक्षकों की बार्षिक आय मु0 35,000/- रू0 से अधिक न हो को इस योजना के अंतर्गत 40,000 रूपये प्रदान किया जाता है।

मदर टेरेसा असहाय मातृ सम्बल योजना

निःसहाय महिला/अभिभावक जो बी०पी०एल० या जिनकी आय मु0 35,000/-रु0 प्रति वर्ष से कम हो, को 4,000/-रु0 प्रति बच्चा प्रति वर्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है । यह सहायता केवत 2 बच्चों के लिए प्रति बच्चा 4,000 रूपये प्रति बर्ष सीमित है तथा बच्चे की आयु 18 बर्ष पूरी होने पर बन्द कर दी जाती है ।

विधवा पुन-र्विवाह

यदि कोई विधवा महिला पुनः विवाह करती है तो सरकार द्वारा प्रोत्साहन के रुप में महिला को 20,000/-रु0 का चैक तथा दम्पति को 5 वर्ष की अवधि हेतु मु0 30,000 रु0 की एफ०डी० प्रदान की जाती है ।

बाल-बालिका सुरक्षा योजना

इस योजना के अन्तर्गत अनाथ, अर्ध-अनाथ, माता-पिता द्वारा त्यागे हुए बच्चे या जिन बच्चों के माता-पिता एडस बीमारी से ग्रसित हों, उन बच्चों के संरक्षको को प्रति बच्चा मु0 2,300/- रु0 मासिक प्रदान किये जाते है । माता-पिता के खूनी रिश्तों के संरक्षको के लिए कोई आय सीमा नहीं है जबकि अन्य संरक्षकों की आय मु0 5,000/- रु0 मासिक से कम नहीं होनी चाहिए । संरक्षक किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित नहीं होने चाहिए ।

बलात्कार से पीड़ित महिलाओं हेतु वितीय सहायता

इस योजना के अन्तर्गत बलात्कार से पीड़ित महिलाओं को तीन किश्तों में मु0 75,000/- रु0 तक की सहायता देने का प्रावधान है । प्रथम किश्त प्राथमिकी सूचना रिर्पोट, मेडिकल रिर्पोट एंव प्रारम्भिक अन्वेषण उपरान्त दी जाती है । दूसरी किश्त सहायता सेवाओं हेतु दी जाती है । तीसरी किश्त गवाही पूर्ण होने या एक बर्ष उपरान्त प्रदान की जाती है ।

बेटी है अनमोल योजना

प्रथम घटक

बालिका के जन्म के वाद उसके नाम 10,000/- रूपये की एफ0 डी0 करवाई जाती है जोकि विभाग के नाम पर रहती है व जिसका भुगतान बच्ची की 18 बर्ष की आयु पूर्ण करने पर किया जाता है ।

द्वितीय घटक

बच्ची के प्रथम कक्षा में दाखिले से लेकर स्नातक स्तर तक विभिन्न दरों पर छात्रवृति बैंक खाते में प्रति बर्ष जमा करवाई जाती है जिसका भुगतान बच्ची की 18 बर्ष की आयु पूर्ण करने पर किया जाता है ।

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005

घरेलू हिंसा से ग्रसित महिलाएं, पर्यवेक्षक आई०सी०डी०एस० (समेकित बाल विकास सेवाएँ) के पास अपना मामला ले जा सकती हैं तथा पर्यवेक्षक पूर्ण कानूनी सहायता व परामर्श सेवायें प्रदान करने के लिए बाध्य होगीं । पर्यवेक्षकों को संरक्षण अधिकारी बनाया गया है तथा यदि कोई घरेलू हिंसा से ग्रसित महिता आश्रय चाहती है तो उसे सरकार द्वारा अस्थायी तौर पर ब्लाक स्तर पर आश्रय देने का भी प्रावधान किया गया है । इसके लिए भी किसी भी सम्पर्क सूत्र से सम्पर्क कर सकते हैं ।